Sunday, January 19, 2014

जीवन कि शतरंज वही रहेगी ....( और ) बाजी लगायी जायेगी ...

अंदाज अपना अपना , खुशिया अपनी अपनी

हकीकत अपनी अपनी , नजरिया अपना अपना

चाहत अपनी अपनी , मजबुरीया अपनी अपनी

नशीब अपना अपना , रास्ते अपने अपने

कल तक " वो " था ...आज दिखाई नही दे रहा है ...

आज " ये  " है ..अपने नाम का ढोल बजा रहा है ...

कल कोई और होगा ....नयी शोहरत , नये अरमान लिये

परसो , नरसो , तरसो ...कोई और दाव पे लगेगा ....

जीवन कि शतरंज वही रहेगी ....( और ) बाजी लगायी जायेगी ...

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