Sunday, February 9, 2014

तुम अगर , तुम्हारी जगह बेमिसाल हो ..... तो हम भी एक मिसाल है




तुम्हारा गुस्सा जायज है
हमारा मझाक नाजायज
तूम्हारा सोचना नाजायज है
हमारा हसना जायज

हमारी सादगी अजीब है
तुम्हारी चलाखी बेहतरीन
तुम अगर ..तुम्हारी जगह बेमिसाल हो
तो हम भी एक मिसाल है

वक़्त अगर तुम्हारे साथ था
लो अब ....हमारी भी बारी आ  गयी
पिछले 15+  साल तुम्हारे थे
तो गिनना शुरू कर...
अगले 15 +  साल  मेरे  होंगे 

मै  तुझसे  मिलूँगा  नहीं  
ना  ही  तुझे  देखूंगा 
हर दम तुझे याद आवूंगा
और ना ही तेरे सोच से जाऊंगा

मुझे कुछ करना नहीं ......ना ही कुछ करूँगा
" अमर " हूँ ......"अमर -आत्मा " बनके रहूँगा

              3 : 00 ...........30/03/2011................................बुधवार

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